सामुदायिक भागीदारी तब होती है जब लोग अपने समुदाय और समाज में सम्मिलित होते हैं, और इसकी गतिविधियों, प्रक्रियाओं और परिणामों में योगदान करते हैं। इसमें सम्मिलित किया जा सकता है :
- स्वेच्छा से की गई सेवा
- सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लेना
- क्लबों या संगठनों से जुड़ना
- पड़ोसियों से बातचीत
- समुदाय के सदस्यों के साथ संबंध बनाना
- नेतृत्व क्षमता का विकास करना
सामुदायिक भागीदारी अपनेपन की भावना को बढ़ावा देने में, मजबूत सामाजिक बंधन बनाने में एवं समावेशिता तथा लोक कल्याण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है। हमारा विद्यालय समय समय पर पड़ोसी समुदाय और समाज के साथ विभिन्न गतिविधियों जैसे वृक्षारोपण, हरित परिसर पहल आदि में शामिल हुआ है। हमने केंद्रीय विद्यालयों की संस्कृति से परिचित कराने के लिए अपने पड़ोसी जिला परिषद स्कूल के छात्रों के लिए हमारे विद्यालय के दौरे की भी व्यवस्था की है। यहां देखी गई सर्वोत्तम प्रथाएं जिनका वे अपने स्कूल में अनुकरण कर सकते हैं। हर घर तिरंगा गतिविधियों में प्रायोजक एजेंसी डब्ल्यूसीएल माजरी क्षेत्र ने भी विद्यालय के साथ सहभागिता की है।